देश के दिग्गज उद्योगपति और टाटा सन्स के मानद चेयरमैन रतन नवलजी टाटा (Ratan Tata) का कल रात 11.30 बजे के करीब निधन हुआ। 7 अक्टूबर को उनको मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आयसीयू मे भर्ती कराया गया था। टाटा सन्स के वर्तमान चेयरमैन एन शेखर ने उनके निधन की पुष्टि की है।
रतन टाटा का अंतिम दर्शन समय और स्थान
ब्रीच कैंडी अस्पताल से रतन टाटाजी का पार्थिव शरीर रात को ही उनके घर लाया गया और आज गुरुवार 10/10/2024 को सुबह 10 बजे से 4 बजे तक नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मीग आर्ट्स ( (NCPA) हॉल मे लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। सभी क्षेत्र के बड़ी हस्तिया और सामान्य नागरिक उनका अंतिम दर्शन के लिए जा सकते है।
पूरे देश में दु:ख की लहर छा गई
रतन टाटाजी के निधन की ख़बर से पूरे देश पर एक दु:ख की लहर दौड़ गई। पंतप्रधान नरेंद्र मोदी से लेकर सभी क्षेत्र के लोगों ने उनके नाम शोक संदेश दिया। उनका भारत देश के प्रति इतना योगदान है, बड़े से सर्वसामान्य लोगों तक के जीवन मे परिवर्तन लाया है, इस लिए हर कोई उनको स्मरण कर रहा है। वो हरएक के लिए प्रेरणा स्थान थे।
देश के दिग्गज लोगों की प्रतिक्रियाए
नरेंद्रजी मोदी(narendra modi)(पंतप्रधान): रतन टाटाजी एक दूरदर्शी उद्योगपती, दयालु आत्मा और असाधारण इंसान थे। भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। हमारे समज को बेहतर बनाने के प्रति प्रतिबद्धता के कारण वो कई लोगों को प्रिय बना लिया।
राहुल गांधी rahaul gandhi : रतन टाटा एक दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे। उन्होंने बिसनेस और परोपकार दोनों पर कभी ने मिटनेवाली छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा समूह के प्रति मेरी संवेदनाए है।
मुकेश अंबानी mukesh ambahi: भारत के लिए बहुत दु:खद दिन है। रतन टाटा जाना ना सिर्फ टाटा ग्रुप, बल्कि हर भारतीय के लिए बड़ा नुकसान है।
सुंदर पिचाई sunder pichai: रतन टाटा से पिछली मुलाखत के दौरान उनका विजन सुनना मेरे लिए प्रेरणादायक था। वो एक्सटरऑर्डनरी बिसनेस लीगेसी छोड़ गए है।
रतन टाटाजी का जीवन परिचय -Ratan tata ji jevan parichay
रतन टाटाजी का जन्म साल 28 दिसंबर 1937 को मुंबई मे हुआ था। उनकी प्राथमिक शिक्षा मुंबई,शिमला और फिर न्यूयॉर्क अमेरिका मे डिग्री साल 1955 मे ली। साल 1991 जब जेआरडी ने टाटा सन्स इस्तीफा और रतन टाटा जी को उत्तराधिकारी की तौर पर घोषित किया। उन्होंने कमान संभालते ही नये विचार और नए पीढ़ी के साथ अपनी कंपनियों को आगे बढ़ते हुए कई बड़े फैसले लिए।विश्व के जनेमाने ब्रैन्ड खरीद लिए जैसे की टाटा टी ने टेटली का, टाटा मोटर ने जागुआर लैंड का, टाटा स्टील ने कोरस का अधिग्रहण किया। इन अधिग्रहणों से टाटा ना की भारत बल्कि आंतरराष्ट्रीय ब्रैन्ड के रूप मे उभर के आ गया। टाटा समूह की हरएक कंपनीया अच्छे मुकाम पर ले गए। उनकी कार्यकाल हर एक क्षेत्र मे प्रवेश किया और सफल रहे। उन्होंने देश में आए हर संकट की घड़ी मे अपना योगदान दिया था और उनके टाटा समूह के कर्मचारियों वो खास खयाल रखते थे। उनको सर्वोतम सुख-सुविधाये दे रखी है। उन्होंने कई देश और विदेश के संस्थाओ को भरभर के अर्थ सहाय्य करते थे।
देश और विदेश के कई सर्वोच पुरस्कार से नवाजा गया
रतन टाटा जी अपने जीवन मे कई प्रकार के पुरस्कारों से नवाजा गया, क्युकी उनका समज के प्रति अतुलनीय योगदान था। पद्मभूषण (2000), पद्मविभूषण (2008), नेस्कॉम ग्लोबल लिडेरशिप (2008) और हालही मे उनको विदेश मे लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी।
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Ratan tata ji ke baad jo bhi uttaradhikari honge ve bhi garibon ke masiha ban ke rahe ye asha karta hu,
Ratan ji tata banna har kisiko mumkin nahi,
Ve bharat aur videshon me har ek ke dil me rahenge
bilkul sahi kaha aapne